Kawardha : ओबीसी आबादी के अनुरूप आरक्षण की मांग फिर से उठने लगी है। इसे लेकर ओबीसी महासभा कबीरधाम के पदाधिकारियों ने कवर्धा एसडीएम पीसी कोरी को ज्ञापन सौंपा है। ओबीसी आबादी के अनुरूप आरक्षण की मांग फिर से उठने लगी है।
इसे लेकर ओबीसी महासभा कबीरधाम के पदाधिकारियों ने कवर्धा एसडीएम पीसी कोरी को ज्ञापन सौंपा है। ओबीसी महासभा कबीरधाम के पदाधिकारी ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप हिस्सेदारी आरक्षण प्रदान नहीं करने के कारण प्रदेश की ओबीसी समुदाय का समुचित विकास नहीं हो रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2 दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कर राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया था, जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत व अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर ईडब्ल्यूएस को चार प्रतिशत आरक्षण का प्रदान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 नवंबर 2022 को 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षक को यथावत लागू रखने का निर्णय दिया गया, जिसमें बालाजी व इंदिरा साहनी केस में लगाई गई 50 प्रतिशत कैंपिंग को पार करने के बाद ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देने का रास्ता खोल दिया है।
ज्ञापन में राज्यपाल से एक वर्ष पूर्व प्रस्तुत आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 में अभिलंब हस्ताक्षर कर पत्राचार करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपते समय प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम साहू, प्रदेश सचिव आनंद साहू ,संभाग उपाध्यक्ष कौशल साहू समेत अन्य लोग उपस्थित थे।